Facts About संक्रामक रोग से बचने के उपाय Revealed



और वैसे भी गाय-भैंस को यदि टी.बी. अथवा अन्य कोई संक्रामक रोग हुआ तो वह सरलता से दूध के माध्यम से मनुष्यों को हो सकता है क्योंकि समुचित पाश्च्युराइज़ेशन कारखानों में ही सम्भव है।

संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ और तोक्यो चिकित्सा विश्वविद्यालय अस्पताल के प्राध्यापक, हामादा आत्सुओ के अनुसार यह अस्पष्ट है कि नये उप-प्रकारों में से भावी प्रमुख उप-प्रकार कौन होगा। मानव कोशिकाओं के जुड़ने की इन सभी की क्षमता एक जैसी है और वे हमारे प्रतिरोधक तंत्र को चकमा देने में बेहतर हो गये हैं। हामादा का कहना है कि नये उप-प्रकारों के उभरने पर इस बात की सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी आवश्यक है कि वे हमारे प्रतिरक्षण तंत्र को चकमा दे सकते हैं या नहीं, साथ ही वे कितने संक्रामक तथा रोगजनक हैं।

 इस समूह में वे रोग कारक आते हैं जो अन्तः श्वसन के माध्यम से शरीर में जाने के बाद संक्रमण और रोग को जन्म देते हैं। सामान्यतः प्राथमिक रोग प्रक्रिया श्वसन तंत्र से आरम्भ होती है और अंततः संक्रमण एक श्वसन से सम्बन्धित रोग (डिप्थीरिया, तपेदिक) अथवा श्वसन से असम्बन्धित रोग (चेचक, खसरा, कुष्ठ रोग) के रूप में सामने आता है। वायु जनित संक्रमण के फैलाने के मुख्य चार माध्यम हैं-

शोधकर्ता इसका श्रेय इस बात को देते हैं कि बड़े जानवरों को शारीरिक गर्मी से निजात पाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है जो कि उनकी मांसपेशियों के चलते समय उत्पन्न होती है। इसलिए, अधिक गर्मी से बचने के लिए उन्हें अधिक धीमी गति से यात्रा करनी पड़ती है।

ट्यूबरकुलोसिस की पुष्टि करना सरल नहीं है। एक्स-रे की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है, बलगम की जांच में टीबी के बैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है। कभी-कभी किसी व्यक्ति को कुछ अन्य तरह website के टेस्ट करवाने की जरूरत भी पड़ सकती है। पुलमोनोलॉजिस्ट से सलाह लें।

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इन श्रेणियों से इतर संक्रमण मामलों में चिकित्सा संस्थानों को केवल उनकी कुल संख्या और आयु वर्ग का विवरण देना आवश्यक होगा।

*प्रतिदिन सुबह-शाम शरीर का तापमान मापना चाहिए।

इस बीच, कुछ विशेषज्ञ चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

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ये लोग अपने घर से अलग रहवास या घर पर खाना पहुँचाने की सेवा के पात्र होंगे। घर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ लेते हुए तबीयत बिगड़ने पर यह लोग स्वास्थ्य सूचना केंद्रों से संपर्क या परामर्श कर सकेंगे जिसके बाद उन्हें किसी चिकित्सालय में भेजा जाएगा।

निवारक उपायों में सबसे पहले सलाह दी जाती है कि सभी अपने हाथों और उंगलियों को कीटाणु मुक्त रखने का प्रयास करें। बंद कमरे में होने और किसी से नज़दीक से बात करने जैसी स्थिति में चेहरे को मास्क से ढकें। रेस्त्राँ और मदिरालय जैसे स्थानों को हवादार बनाये रखना भी बहुत महत्त्वपूर्ण है।

इस शृंखला में जानेंगे रिपोर्टिंग प्रणाली में हुए बदलावों और उनसे जुड़ी चिंताओं को। पहले अंक में रिपोर्टिंग प्रणाली के सरलीकरण पर एक नज़र।

हर्ट ने कहां बड़े जानवरों की यात्रा और गर्मी से संबंधित शोध को लेकर और जांच पड़ताल की आवश्यकता है। यह अध्ययन ओपन एक्सेस जर्नल पीएलओएस बायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।

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